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अरविंद पांडेय पर भारी पड़ सकता है खुद का बयान

पार्टी और सरकार के खिलाफ बयान से नाराज बताया जा रहा है हाइकमान

प्रदेश नेतृत्व से तलब की गई रिपोर्ट, गिर सकती है गाज

देहरादून। पूर्व कैबिनेट मंत्री और गदरपुर के विधायक अरविंद पांडेय अपनी पार्टी भाजपा और सरकार के खिलाफ बयान देने से चर्चाओं में हैं। पार्टी हाइकमान उनके बयानों को गंभीरता से ले रहा है। बहुत संभव है कि आने वाले समय में उन्हें पार्टी विरोधी अपने बयान का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भाजपा के कई नेता भी पाण्डेय के विरोध में मुखर हो गए हैं।

बीते दिन अरविंद पांडेय ने अपने आवास पर जुटे अपने समर्थकों से उनके साथ हो रही साजिश को समझने की बात कही थी। उन्होंने पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी पर खुलकर बोलते हुए कहा कि गुटबाजी के चलते ही पार्टी के कुछ लोग उनके साथ साजिश कर रहे हैं। कहा कि कांग्रेस के लोग उनके के खिलाफ साजिश करते तो समझ में आता। लेकिन पार्टी के वे लोग साजिश रच रहे हैं, जिनका पार्टी को खड़ा करने में कोई योगदान नहीं रहा।
पांडेय ने कहा था कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। वर्तमान में कुछ लोग प्रदेश के भाग्य विधाता बने हुए हैं, जो मेरे राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।

अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ दिए गए पांडेय के इस बयान से भाजपा का प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब पांडेय अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए हैं। इससे पहले सवाल पूछने पर एक पत्रकार को खुलेआम धमकाने, तमाम बार विवादित बयानों से अपनी ही पार्टी की असहज करने से पाण्डेय सुर्खियां बटोरते रहे हैं। लेकिन अब हाइकमान को लगता है कि पानी सिर से ऊपर निकल गया है। कहा जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व से पाण्डेय के बारे में रिपोर्ट तलब की गई है।

अरविंद पांडेय भाजपा के पहले ऐसे विधायक नहीं हैं जो अपने विवादित बयानों से हाइकमान की नजरों में चढ़े हैं। रुद्रपुर से भाजपा के पूर्व विधायक राजकुमार और लालढांग के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन भी अपनी हरकतों की वजह अनुशासनात्मक कार्रवाई झेल चुके हैं। बहुत संभव है कि पांडेय को वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट से हाथ धोना पड़े।

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